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आँखो में आँशु का शैलाब था समाया और वो कहते थे तुम.

आँखो में आँशु का शैलाब था समाया
और वो कहते थे तुम...रोए हो क्या?
सुबह सुबह आँखे मिचकर बोले
मैं तो रातों को जगी रही .....तुम सोये हो क्या?
अक्सर किसी की यादों में जो थे खुद डूबे
आज जरा सी चुप्पी पे कहते है...कही खोये हो क्या?
जो खुद ही खुद को खोये पड़े थे अब खुद को मुझमे थे ढूंढ रहे
तब बड़ी बेबसी में मुझसे पूछ गए ..तुम कही मुझको पाये हो क्या? #अधुरीकहानी
#दर्द
#याद
#आदत
आँखो में आँशु का शैलाब था समाया
और वो कहते थे तुम...रोए हो क्या?
सुबह सुबह आँखे मिचकर बोले
मैं तो रातों को जगी रही .....तुम सोये हो क्या?
अक्सर किसी की यादों में जो थे खुद डूबे
आज जरा सी चुप्पी पे कहते है...कही खोये हो क्या?
जो खुद ही खुद को खोये पड़े थे अब खुद को मुझमे थे ढूंढ रहे
तब बड़ी बेबसी में मुझसे पूछ गए ..तुम कही मुझको पाये हो क्या? #अधुरीकहानी
#दर्द
#याद
#आदत