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कहता है मुझसे 'इशामि' तु मशहूर नहीं है ‌ साहित्य क

कहता है मुझसे 'इशामि' तु मशहूर नहीं है ‌
साहित्य की दुनिया में ग़ज़ल नहीं है 
हंस पड़ी मैं कि मशहूर हो तो जाऊंगी
बस बिगड़ने की देर है 
ग़ज़ल बन तो जाऊंगी बस नुमाइश की देर है 
पर ज़मीर को अपने कहूंगी क्या 
अंधेरा हूं इस चकाचौंध का करूंगी क्या
गर तुझे इश्क़ है तो अपना ले मेरी सादगी 
बेशक मशहूरियत नहीं हैं
पर वफा का पर्याय है मेरी सादगी #love #poetry #oneside_love
कहता है मुझसे 'इशामि' तु मशहूर नहीं है ‌
साहित्य की दुनिया में ग़ज़ल नहीं है 
हंस पड़ी मैं कि मशहूर हो तो जाऊंगी
बस बिगड़ने की देर है 
ग़ज़ल बन तो जाऊंगी बस नुमाइश की देर है 
पर ज़मीर को अपने कहूंगी क्या 
अंधेरा हूं इस चकाचौंध का करूंगी क्या
गर तुझे इश्क़ है तो अपना ले मेरी सादगी 
बेशक मशहूरियत नहीं हैं
पर वफा का पर्याय है मेरी सादगी #love #poetry #oneside_love