बेफ़जूल कसरत करता है तराज़ू नाथा पिंग की तरह, माकूल तिजारत न गरज़ कि हो गाथा किंग की तरह ! बेउसूल उल्फ़त की गुजारिश गुफ़्तगू चौक के डींग की तरह, खातिर खुशबू ए मोहब्बत भून डाली छौंक के हींग की तरह ! शातिर सोज़,दफ़ा गुमशुदगी लगा डाली गधे के सींग की तरह , बेपीर बेवफ़ाई पे .....ढ़ार न आँसू वो नही शिवलिंग की तरह! ©RAVINANDAN Tiwari #चूँ_चूँ_का_मुरब्बा