Nojoto: Largest Storytelling Platform

अप्रत्याशित... मेरी दादी कभी स्कूल नहीं गई, पर फिर

अप्रत्याशित... मेरी दादी कभी स्कूल नहीं गई, पर फिर भी उन्हें तारीख महीने मौसमों का हिसाब अच्छे से रहता वह घर के आसपास के पहाड़ों को बहुत अच्छी तरीके से जानती हैं ।सूर्यास्त और सूर्योदय की दिशा देखकर वह बताती हैं कि कौन सा मौसम है। दिन बड़े हो गए या छोटे कौन से मौसम में सूरज ढ़लकर पहाड़ी के कितने गहरे जाता है... पहाड़ और पहाड़ के जीवन से संबंधित बातों का खजाना है वह... वह मुझे अक्सर घर के सामने दिखने वाले पहाड़ों के बारे में बताया करती हैं मैं बचपन में यह सोचा करती थी कि इस पहाड़ के पीछे आख़िर है क्या क्या मैं कभी वहाँ पर जा सकूंगी तब मैं कल्पना ही करने लगती थी कि इसके पीछे कोई नई दुनिया होगी... और इस काल्पनिक दुनिया को वास्तविक दादी ने बनाया वे सचमुच पहाड़ों की चोटियों पर गई थी घास और लकड़ियों की जरूरत के लिए वहाँ जाना पड़ता था... कब बारिश होनी है कब नहीं पता नहीं कैसे मेरी मौसम विज्ञानी दादी को पता चल जाता है... कुछ दिन पहले जो  हुआ  उसके बारे में सुनकर दादी ने कहा कि यह कैसे हो गया.. इसकी संभावना नहीं थी... प्रकृति को जानना अभी तक संभव नहीं हो पाया है...।

PS :- प्रकृतिः रक्षति रक्षिता। 


#दादी
#उत्तराखंडत्रासदी 
#चमोली
अप्रत्याशित... मेरी दादी कभी स्कूल नहीं गई, पर फिर भी उन्हें तारीख महीने मौसमों का हिसाब अच्छे से रहता वह घर के आसपास के पहाड़ों को बहुत अच्छी तरीके से जानती हैं ।सूर्यास्त और सूर्योदय की दिशा देखकर वह बताती हैं कि कौन सा मौसम है। दिन बड़े हो गए या छोटे कौन से मौसम में सूरज ढ़लकर पहाड़ी के कितने गहरे जाता है... पहाड़ और पहाड़ के जीवन से संबंधित बातों का खजाना है वह... वह मुझे अक्सर घर के सामने दिखने वाले पहाड़ों के बारे में बताया करती हैं मैं बचपन में यह सोचा करती थी कि इस पहाड़ के पीछे आख़िर है क्या क्या मैं कभी वहाँ पर जा सकूंगी तब मैं कल्पना ही करने लगती थी कि इसके पीछे कोई नई दुनिया होगी... और इस काल्पनिक दुनिया को वास्तविक दादी ने बनाया वे सचमुच पहाड़ों की चोटियों पर गई थी घास और लकड़ियों की जरूरत के लिए वहाँ जाना पड़ता था... कब बारिश होनी है कब नहीं पता नहीं कैसे मेरी मौसम विज्ञानी दादी को पता चल जाता है... कुछ दिन पहले जो  हुआ  उसके बारे में सुनकर दादी ने कहा कि यह कैसे हो गया.. इसकी संभावना नहीं थी... प्रकृति को जानना अभी तक संभव नहीं हो पाया है...।

PS :- प्रकृतिः रक्षति रक्षिता। 


#दादी
#उत्तराखंडत्रासदी 
#चमोली