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तुम्हारी सिसकियों को सुनूं या, तुम्हारी खामोशी को

तुम्हारी सिसकियों को सुनूं या,
तुम्हारी खामोशी को कुछ कहूं ।
तुम्हारी आंखें को देखूं या,
तुम्हारी मुस्कुराहट को कुछ कहूं ।
ज़माने की सुनूं या तुमको कुछ कहूं ।
तुमसे जुदाई सहूं या अपनी फितरत कहूं।
हां दूरियां हैं दोनो में, क्या सबसे कहूं..!!

@वकील साहब

©love you zindagi #Hum #tum #siskiyan #khamoshi #aankhe #muskurahat
तुम्हारी सिसकियों को सुनूं या,
तुम्हारी खामोशी को कुछ कहूं ।
तुम्हारी आंखें को देखूं या,
तुम्हारी मुस्कुराहट को कुछ कहूं ।
ज़माने की सुनूं या तुमको कुछ कहूं ।
तुमसे जुदाई सहूं या अपनी फितरत कहूं।
हां दूरियां हैं दोनो में, क्या सबसे कहूं..!!

@वकील साहब

©love you zindagi #Hum #tum #siskiyan #khamoshi #aankhe #muskurahat