किसी के ख़याल से जब जी में बेवक़्त उजाला होता है बेशक़ शख़्शे आफ़ताब वो बेगरज़ चाहने वाला होता है यों तो महज़ गीली रोशनी सा बेरंग बेसबब सा फिरता है लेकिन हर शय को बेख़ुद सी ख़ुदी में रंगने वाला होता है दिले चमन! यों तो नहीं वो कोई खुशबूओं का सौदागर ख़ुश्क आँखों में गुलाब सा मयकश उतरने वाला होता है आशनाई में उसकी नहाके खिलती है ये रूबाई सी सहर मेहनतकश उसकी ख़ुमारी में चढ़ती है ये सुर्ख़ दोपहर उसकी अँगड़ाई में बदन दोहराती ढलती शाम-ए-बाम पे छिटकती चाँदनी! सलअसल चाँद पे उसी का असर होता है #toyou#yqtea#yqfaith#yqlove#yqspirit#yqmoon#yqyouandme