रोकना चाहा था उसे पर ,रोक ना पाया था वो नादाँ थी, उसे मेरी मौहब्बत की कदर ही कहाँ थी आज तक चाह कर भी, कहां उसे भूल पाया था जानते हुए भी, ना जाने किस पत्थर से दिल लगाया था चोट खाई थी सीने पर, खुद को ही इस आग में जलाया था #kahaniyan#life #rokna chaha #dil ki baat #zazbaat #jivan #nojoto hindi