सूख के टूटे पत्ते जैसे, गिरे है अपने डाल से अब हवाओं की मर्ज़ी है, जहां चाहे ले जाये टूटे पत्ते तेरा अनुभव क्या कहता है? कहने का अर्थ ये है कि, जिस्म तो है पर अब उसमे जान सी नही लगती है, अब तो बस ख़ुद को दुनिया के हवाले कर दिया है, मोहब्बत नफ़रत जो दे, किसी से कोई उम्मीद और कोई ख़्वाहिश ही न बची #टूटेपत्ते #collab #atifmast #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi