#एक साहब से एक बार मेरी बात हाे रही थी उन्होंने ने कहां यार ये वकील साहब लाेग बात का पैसा लेते हैं हमने उनसे सवाल किया क्यों न ले उन्होंने कहां यार क्या इतना लेना चाहिए मैं... क्या वकील साहब काेर्ट पैदल आते हैं वाे... नहीं भाई मै.. क्या उनके बच्चे पढ़ाई नहीं करते वाे.... ये काैन सी बात हुई मै.. धीरज रखाे भाई वाे... अच्छा बाेलाे भाई मैं.. क्या उनके पास परिवार या नात बात रिश्तेदार नहीं है वाे... क्यों नहीं जरूर मैं... क्या इन सब में पैसे की जरूरत नहीं हाेती क्या.. वाे... क्यों नहीं... मै... एेसे कई सवाल किए जिसका जवाब उनके पास पॉजिटिव के सिवा नेगेटिव नहीं था मै... भाई सुनिये काेर्ट में आम आदमी जब आता है ताे उसे लगता है वकील साहब खूब लूट रहे हैं लेकिन एेसा नहीं वाे पूरा समय देते हैं आप के केस काे समझने के लिए आैर आप से बाेलते है ये है हमारी फीस आप अगर तैयार है ताे मैं आप का केस अदालत के समक्ष पेश करने का काम करूंगा ..ताे इसमें उनकी क्या गलती अगर आप तैयार है आैर आप तभी तैयार हाेगे जब आप संतुष्ट रहाेगे आैर बाद में फिजूल के इलजाम लगाने का काेई मतलब नहीं वाे... सही कहां आप ने Note.. ये एक बेहतरीन वकील के लिए है नाकि उनके लिए जाे ज़िन्दगी भर मामूली केस काे भी फसाये रहते हैं #advocate