देवकी की कोख पुछती , कहाँ हो वासुदेव के प्यारे माँ यशोदा तुम्हें बुलाती, आओ कान्हा नंद दुलारे।। बिरज की गलियां झुम रही हैं, आओ तुम मोहन दीवाने और माखन बाट जोहता, कब आओगे मुझे चुराने। पुछ रहे हैं बिरज के बालक, और पुछती गैया दीवानी कब आओगे तुम मुरारी, बांसुरी की धुन सुनाने।। देवकी की कोख पुछी, कहाँ हो वासुदेव के प्यारे माँ यशोदा तुम्हें बुलाती, आओ कान्हा नंद दुलारे।। जय श्रीकृष्णा।।। #nojotovoice #nojotohindi #Janamashtmi #krishna #nojotoindia #penwriting