जरूरत क्या थी?? नीचता घमंड हो, सर पर हो दानव, रूह में है द्वेष , ऐसे मोहबब्त की जरूरत क्या थी? उसके आंखो के पर्दों पर तुमने मोहबब्त का नशा च्ढाया उस फरेब की जरूरत क्या थी? उस लड़की ने अपनी रूह और जिस्म खोल कर रख दी तुम्हारी नग्न आंखो के सामने उस भरोसे की कसूर क्या थी? उससे फरेब तुमने किया, टूटे उसके सपने,आनंद तुमने लिए उसकी जिस्म से और अब भोग रहे है उसके अपने। तुम तो छुप गए अपनी मां की पल्लू में, उसकी मासूम दिल से खेलने की जरूरत क्या थी? तू तो समेट लेगा अपनी नई आशिकी को अपनी जिस्म में खुशी खुशी , लेकिन वो गले लगाते ही सहम जाएगी अपने हमसफ़र को ,...... ,उसकी रूह को मारने की जरूरत क्या थी? जरूरत थी ना तेरी वो सिर्फ ,उस नन्ही परी को सपने दिखाना, उसकी जिंदगी को खुद से चलाना,, अपने आगोश में उसको ले जाना और.... और लात मार कर उसको हटाना।।।। ये दरिंदगी दिखाने की तुझे जरूरत क्या थी?? अपनी बहन से नज़रे मिलाना... उस लड़की को अपनी बहन में मिलाना .... खुद को समझाना और पूछ्ना खुद से .... ऐसी मोहबब्त की जरूरत क्या थी।। ©कव्यप्रिंस #sunlight #जरूरत_क्या_थी #dont_viral_someone_privacy #love #respect #frauds #expectation #Nojoto #Life #Hate