Science कहता है..दुनिया का कोई भी इंसान नही सह सकता शून्य से नीचे पचास से ऊपर का तापमान, शून्य से नीचे चटक जाती है हड्डियां , पचास से ऊपर पिघल जाती है मांसपेशियां, तो फिर यह लोग कौन है जो सियाचिन के ग्लेशियर पर, -30 डिग्रि पर तिरंगे के तार कस रहे है... ये लोग कौन है जो बाड़मेर के रेगिस्तान में 52 डिग्रि पर ठहाके मारकर हँस रहे है... ऐसी जाबांजियां हांड -मांस के पुतलों में कहा... इसके लिए तो कोई यक्ष या देवदूत चाहिए, फौजी खुदा के भेजे हुए फरिश्ते है क्या कोई और सबूत चाहिए......!! #मनोज मुंताशिर जी की फौजियों को समर्पित एक कविता..✍️✍️ Salute my indian army...🙏🙏🙏👏👏👏👏