दवा चल रहा है दुआ चल रही है फिर भी मौत की हवा चल रही है है इंसान को इंसान से ही खतरा ये कैसी कैसी वबा चल रही है कहीं कब्र पे कब्र बनाया जा रहा कहीं चिता पे चिता जल रही है देख मौत का मंजर सहम गया हूँ बताऊं क्या मुझमे क्या चल रही है हाल-ए-दिल न पूछ अब मुझसे यारा मुझमे आँसुओ की दास्तां चल रही है बेबस है इंसान कुदरत के आगे ये नये दौर की नई वबा चल रही है अस्पतालों की बदहाली पे सवाल न उठाओ संसद में साहब की सभा चल रही है हक बात लिखूंगा सच बात लिखूंगा वो कहेगा बहुत तेरी जुबां चल रही है #कोरोना #कोरोनाकविता #yqdidi #yqbaba #yqhindiurdu #bestyqhindiquotes