ज़िंदगी दिसंबर सी ठंड की शुरुआत हुई दिसंबर मेंम तुझसे मेरी बात हुई दिसम्बर में सर्द रातों का सफ़र शुरू हो चला रजाई से मुलाक़ात हुई दिसंबर में ज़रा सी रौशनी अच्छी लगेगी अब गर्मियों की भी मात हुई दिसंबर में सुबह उठना अब आसान नहीं "आरिफ़" नींद भी एक सौगात हुई दिसंबर में "कोरे काग़ज़" पर लिख लो ये महीना चाय अब चार से सात हुईं दिसंबर में #जिदंगी दिसंबर सी#Nojoto_hindi #shayari #Day06