जहाँ दरिया कहीं अपने किनारे छोड़ देता है, कोई उठता है और तूफाँ का रुख मोड़ देता है, मुझे बे-दस्त-ओ-पा कर के भी खौफ उसका नहीं जाता, कहीं भी हादसा गुज़रे वो मुझसे जोड़ देता है। (बे-दस्त-ओ-पा = असहाय) ra hul rajvansh ©❤︎ᴊᴀɪ sᴜʜᴇʟᴅᴇᴠ❤︎ jai suheldev #beinghuman