छोड़ दिया तेरी यादों मे जिदंगी धुएं मे उड़ाना तेरी नशा कुछ इस तरह है। हर जाम बेकार चला जाता है इश्क को कौन समझे जमाने मे जो धुएं कि तरह उड़ जाता है.