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कंठ में हुंकार की नवीन भाष्य रूप और, क्रांति के

कंठ में  हुंकार की नवीन भाष्य रूप और,
क्रांति  के   स्वर के   मातृ के   स्वरूप है।
तार  मात  वीणा के  देते हैं  सदा से स्वर,
और  इस धरती का  हिंदी से   प्रारूप है।
किसे है पसंद नहीं मान स्वाभिमान किन्तु,
देख के  दशा हिंदी का सब हुआ चुप है।
हिंदी वाले बोलने लगे हैं हिंग्लिश जो यहां,
यह मात हिंदी के अपमान के स्वरूप है।।

©®दीपक झा रुद्रा #हिंदी_छंद 
#मात्रिकछंद 

#Hindidiwas
कंठ में  हुंकार की नवीन भाष्य रूप और,
क्रांति  के   स्वर के   मातृ के   स्वरूप है।
तार  मात  वीणा के  देते हैं  सदा से स्वर,
और  इस धरती का  हिंदी से   प्रारूप है।
किसे है पसंद नहीं मान स्वाभिमान किन्तु,
देख के  दशा हिंदी का सब हुआ चुप है।
हिंदी वाले बोलने लगे हैं हिंग्लिश जो यहां,
यह मात हिंदी के अपमान के स्वरूप है।।

©®दीपक झा रुद्रा #हिंदी_छंद 
#मात्रिकछंद 

#Hindidiwas