बहुत याद आता है तिरा यौवन मिरा प्रेम रस वो बेवजह मुस्कुराना न था कोई मकसद वो तिरी गलियां वो मिरा अल्हड़पन बहुत याद आता है तिरा वो रिझाना नजरों से तीर चलाना यूं ही मेरी धड़कनें बढ़ाना और फिर उठ कर चले जाना बहुत रुलाता है.... -जतिन ©Jatin #Miss_you #love #lost #poem #you #Ajay_maurya(#आश्वस्त🇮🇳)