प्रेम डोर अदृश्य है, देख सके #नहीं कोय किसको कब बांधे #भला, जान सके नहीं कोय तोड़न की #कौशिश करें तोड़ सके नहीं कोय #बांध प्रभु को राखिये, #प्रभु भी तेरा होय आचार्य प्रणव #InspireThroughWriting