प्रिय चूल्हे, इस पत्र में, मैं तुम्हें शुक्रिया अदा करना चाहता हूँ और कुछ कहना चाहता हूँ, जानता हूँ आज धीरे धीरे तुम्हारा इस्तेमाल कम होने लगा है, पर सुकून है कि आज भी ग्रामीण भारत में तुम देव तुल्य हो! तिरी मौजूदगी ना बे-आनी है, तिरा होना ही खानदानी है! एक बात और तुम्हें कहना चाहता हूँ कि अब फिर तुम्हारी जरूरत लोगों को होने लगी है, जो लोग तुम्हें पुराने ज़माने का कहते थे, अब धीरे धीरे तुम्हें पुनः अपनाने लगे हैं और तुम्हें प्यार करने लगे हैं, एक दिन आएगा जब चूल्हे की रोटी फिर से शान होगी और खाना जान होगी! अपना ख्याल रखना सखा..! आपका मित्र जय #kumaarsthought #yqletter #yqlewrimo #Kumaarletter #kumaarjuneletter #चूल्हा #गाँव #roti