तुम्हारे आने का यकीन भी ऐसा है, कि तुम्हारे जाने के यकीन जैसा है, जो सताए मुझे शायद वैसा है इश्क़ तेरा, ये कैसा है इश्क़ मेरा,ये कैसा है इश्क तेरा..!! ©Poet Shawaaz #rosepetal