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आये हैं दिन, लौटकर बहार के। बीत गये अब दिन इतंजार

आये हैं दिन, लौटकर बहार के।
बीत गये अब दिन इतंजार के।

न यूँ मुझसे मुँह मोड़ कर जा,
भूल भी जा वो दिन तकरार के।

तुमसे वास्ता मेरा हर जन्म का,
तुमसे ही सपने सुहाने संसार के।

बात-बात पे यूँ न रूठा करो तुम,
कहीं बीत न जाये दिन प्यार के।

याद कर के वही 'गीत' पुराने मेरे,
रह ना पाओगे, बिन इकरार के।

©Sneha Agarwal 'Geet'
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