समझें कि ना समझें वो आखो के इसरो को खस्ती भी पुरानी है मंजिल तक जाना है एक सक्स को आंखो से एक सेर सुना ना है उस पार उतरने की उम्मीद बहुत कम है एक आग का दरिया है और तेर के जाना है ©chirag bairwa यूनिक #flood