कभी फुर्शत मिले जो तुम्हे ,,,तो जरा फुर्शत से आना कभी हमारी नगरी।।।। जहा इन्सानियत की पूजा होती है ।। हर धर्म की पहचान बस मानवता से होती है।। आना तो जरा धर्म और जाती का चोला उतार कर आना ।।।। मानवता के रंग में नहा कर आना बड़ी पवित्र है,, यहाँ की दुनियाँ धर्म और जाती से परे है ,, यहाँ की दुनियाँ।।। बस मोहब्बत और अपनेपन से सजी है ये दुनियां।।। #kash_aisa_koi_jahan_hota...#ensaniyat_ka_rishta#manwata_hi_hai_dhrm_ki_pahchan#milke_banatay_hai_aisa_jahaan