कुछ इश्क मेरा बाकी था कुछ गुस्ताखियां उसकी भी शायद... फिर हुई यूँ दूरी की बारिश की भीग अकेले उसको साथ पाते है ... जिक्र का भी उनके अब हमें हक नहीं अपने इश्क अब हम यहीं सजा पाते है #fir_teri_yaad#ravi