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मेरे अंदर तू ऐसे मौजूद है जैसे दीवार के अंदर नमी म

मेरे अंदर तू ऐसे मौजूद है
जैसे दीवार के अंदर नमी मौजूद है

तुझसे क्या रिश्ता है मेरी आंखों का
क्यों मेरे ख्वाबो में तेरी तस्वीर मौजूद है

तुझे ना पाने की खलिश बाकी है आज भी
ये वो आग है जो भी मेरे अंदर आज भी मौजूद है

©javed malik jakku #Shayri4u 

#lookingforhope
मेरे अंदर तू ऐसे मौजूद है
जैसे दीवार के अंदर नमी मौजूद है

तुझसे क्या रिश्ता है मेरी आंखों का
क्यों मेरे ख्वाबो में तेरी तस्वीर मौजूद है

तुझे ना पाने की खलिश बाकी है आज भी
ये वो आग है जो भी मेरे अंदर आज भी मौजूद है

©javed malik jakku #Shayri4u 

#lookingforhope