उसकी शिकायत❤️❤️ छोटी सी शिकायत है इन जुल्फों से तुम्हारी की अब ये चेहरे पर मेरे बिखरती नहीं है लहराती हैं इश्क़ की बारिशों में अवारा सी देखकर मुझको मगर संवरती नहीं हैं।।।❤️ हर अदा से अपनी देखो ढाती है सितम मुझ पर अब मुझसे शायद ये डरती नहीं हैं मुझको करके दीवाना ये हंसती है मुझ पर मगर उंगलियों में मेरी पहले सा उलझती नहीं हैं❤️ उड़ती हैं फिज़ाओं में मोहब्बत की बेपरवाह सी बस आगोश में एक मेरे ही ,ये सिमटती नहीं हैं ज़माने भर की खुशबुओं से लबरेज़ हैं दामन एक मेरी ही खातिर मगर ये महकती नहीं हैं❤️ खिलखिलाती धूप सी रहती हैं माथे पर तेरे सामने जो मैं आजाऊं तो ये फिर चहकती नहीं है बरसाती हैं नूर आज भी फूल से चेहरे पर तेरे मेरे प्यार के आंगन में किसी शाम सा ढलती नहीं है❤️ शायद ये भी मेरी तरह तेरी रूह की तलबगार हैं तभी संग मेरे , ये राह ए इश्क पर ,चलती नही हैं छोटी सी शिकायत है इन जुल्फों से तुम्हारी की अब ये चेहरे पर मेरे बिखरती नहीं हैं,❤️❤️ ✍️शीतल💕💕 #RDV19