आमने-सामने तो शायद ही मिलना हो उन से क़भी, क्योंकि लिखती तो मैं सिर्फ़ दिल बहलाने को ही हूँ। वरना... जिस पे प्यार का ही असर नहीं हुआ, उस पे शब्दों का क्या होगा....!! #आमने_सामने तो शायद ही मिलना हो उन से क़भी, क्योंकि लिखती तो मैं सिर्फ़ दिल बहलाने को ही हूँ। वरना... जिस पे प्यार का ही असर नहीं हुआ, उस पे शब्दों का क्या होगा....!!