अतिथि आने पर हुआ आनंद बहुत, हृदय हुआ फुलकित फिर एक बार, लगा जैसे अब बसा घर मेरा, मन को मिला चैन तब ये जाना, धन्य हुआ आज अतिथि का आना। ©Heer #sad_shayari #अतिथि poetry in hindi