तुम मुझे कब तक रोकोगे। बिखरे हुए रेत की तरह हूं मैं.., तुम मुझे अपने मुट्ठी मे कब तक दबाए रखोगे, सरकता चला जाऊँगा,हवा के माध्यम से बहता चला जाऊँगा, अपने मंजिल की ओर मैं...। मै वो हवा नही, जो चट्टानों के ड़र से अपना रास्ता मोड़ ले, मै तो वो हवा हूँ ,जो चट्टानों के बीच से अपना रास्ता ढूंढ ले..। एक छोटी सी चिंगारी हूँ मैं, सूरज सा मुझमें ताप नहीं। चारों तरफ अपना प्रकाश बिखेर जाऊंगा एक दिन, जब आ जाऊंगा आग के आगोश में। एक टूटे शीशे की तरह हूँ , बस वक़्त थोड़ा कमजोर है। हीरे की तरह चमक उठूंगा एक दिन, बस मुझको तराशने की दर है। कमजोर मैं नहीं,मेरा वक़्त है, मेरे वक़्त पे वक़्त ही ज़ोर है। वक़्त से सहूलियत मिल जाए अगर कभी, तो मेरे किस्मत पे सिर्फ मेरा ही ज़ोर है। जंग खाया हुए लोहा हूँ मै, ज्वाला की भट्टी में झोंक रहा हूं खुदको। जब वक़्त की मर से पीट जाऊंगा, तब खंजर बनकर उभर जाऊंगा। कलम की स्याही से नहीं, पसीने की स्याही से अपनी तकदीर लिख जाऊंगा। न रहने दूंगा एक भी कागज को कोरा, कुछ ऐसा इतिहास रच जाऊंगा। मै मुसाफिर नहीं हूँ, बस अपने ठिकाने की तलाश हे मुझे, भटक रहा हूं एक बंजारे की तरह, झुलस रहा हूं रेगिस्तान मे, अपनी मंज़िल को इतने करीब देख मिटा रहा हूं अपनी प्यास मै। अपने मंज़िल को पाना जुनून हे मेरा, अपनी कमियाबी को देखना सुकून हे मेरा। तुम मुझे कब तक रोकोगे ऐ- परेशानियां, जिद की चादर ओढ़ ली हे मैंने, आखिरकार तुम मुझे कब तक रोकोगे। #NojotoQuote #google #nojoto