तुमने रंग नफ़रतों का इस क़दर उड़ेला मुझपर की मेरे अपने रंग भी अब फ़ीके लगते है फिज़ा में हवाओं की रवानगी तो है पर तेरे बगैर सांसे भी अब बोझिल लगते है। #Fiza#rawangi