इक़बाल मंद हैं वो जिन्हें रोना आता है हमने तो दिल के तहखाने में तकलीफों की मंडी सजा रखी है जहाँ हर दर्द भरे शब्दों के पिटारे को दुआओं और मुस्कुराहटों से तब्दील किया जाता है हँसना बेशक खुशगवार है हमें मगर आँखों का ये सूखापन बहुत सताता है सताता है तारों का मेरी सारी शिकायतें सुनना और व्यंग में टिमटिमाते रहना सताता है आईने का मुझे आँखें दिखाना और आँखों के काले घेरे की गहराई बताना सताता है मेरे तकिये का उदास हो जाना जो न जाने कितनी रातों से मेरी नींदों का इंतज़ार कर रही है और सुखी खुश्क हर रात अकेली सो रही है खैर खैर आदत हो गयी है अब आदत हो गयी है चीज़ें बस महसूस होकर रह जाती हैं कभी ज़िन्दगी रूबरू हुई तो बातें होंगी... बेशक होंगी... बेहद होंगी #रोना #अकेलेपन_का_दौर #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqquotes #yqdiary #yqhindiurdu