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*कभी चिठ्ठी, कभी राखी, कभी मनीआर्डर आते थे,* *वो द

*कभी चिठ्ठी, कभी राखी, कभी मनीआर्डर आते थे,*
*वो दिन कुछ और थे जब डाकिये भी खुशियां लाते थे...!!*

     -#विश्व डाक दिवस 


*|('}_*
*|(_/\\__G@ur@v______✍🥀*

*उनका शौक़  था, मोहब्बत के अल्फ़ाज़ पढ़ना,...*

*और मेरी तलब हैं, उन्हें देखकर मोहब्बत लिखना....!*

*|('}_*
*|(_/\\__G@ur@v______✍🥀*

*🌚!! शुभ रात्रि !!🌚*
*🚩!! जय सियाराम  !!🚩*

©गौरव दीक्षित(लव) #dak diwas
*कभी चिठ्ठी, कभी राखी, कभी मनीआर्डर आते थे,*
*वो दिन कुछ और थे जब डाकिये भी खुशियां लाते थे...!!*

     -#विश्व डाक दिवस 


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*|(_/\\__G@ur@v______✍🥀*

*उनका शौक़  था, मोहब्बत के अल्फ़ाज़ पढ़ना,...*

*और मेरी तलब हैं, उन्हें देखकर मोहब्बत लिखना....!*

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*|(_/\\__G@ur@v______✍🥀*

*🌚!! शुभ रात्रि !!🌚*
*🚩!! जय सियाराम  !!🚩*

©गौरव दीक्षित(लव) #dak diwas