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ये कैलेंडर के आखिरी पन्ने पर बिखरा दिसंबर समेट रहा

ये कैलेंडर के आखिरी पन्ने पर बिखरा दिसंबर
समेट रहा भूली-बिसरी यादें खुद के ही अंदर

ये महज झ्क कैलेण्डर नहीं,

पिटारा है साल भर के खट्टी - मीठी यादों का,
दर्पण है खुद से ही , खुद के वादों का,
नये सपने नये आशाएं नई उम्मीदो का समंदर है।
न जाने कितनी जज्बातों का उमड़ रहा बवंडर है ।

ये महज नवम्बर बाद वाला दिसम्बर नहीं,

यादों मे ढल गया तु भी , बस मेरी  तरह ये बतला रहा,
पिछले बार के वादो का,  इरादे का आइना दिखला रहा,
दिलाता रहा सतरंगी कलम से लिखी इंद्रधनुषी सपनों  की याद,
सारी . रात करता रहा मुझसे मेरी ही बात। ।

©madhumita mishra #ढलता दिसंबर
ये कैलेंडर के आखिरी पन्ने पर बिखरा दिसंबर
समेट रहा भूली-बिसरी यादें खुद के ही अंदर

ये महज झ्क कैलेण्डर नहीं,

पिटारा है साल भर के खट्टी - मीठी यादों का,
दर्पण है खुद से ही , खुद के वादों का,
नये सपने नये आशाएं नई उम्मीदो का समंदर है।
न जाने कितनी जज्बातों का उमड़ रहा बवंडर है ।

ये महज नवम्बर बाद वाला दिसम्बर नहीं,

यादों मे ढल गया तु भी , बस मेरी  तरह ये बतला रहा,
पिछले बार के वादो का,  इरादे का आइना दिखला रहा,
दिलाता रहा सतरंगी कलम से लिखी इंद्रधनुषी सपनों  की याद,
सारी . रात करता रहा मुझसे मेरी ही बात। ।

©madhumita mishra #ढलता दिसंबर
vaibhawpiyush7630

honey

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