मेरे अंतर्मन के दुविधा हैं निराली मारत्मक वह्नि प्रतिपल प्रज्जवलित होती है भारी ।। अंतर्मन के सारे इच्छाओं को जलाकर भस्म कर दी है सारी ।। उस ज्वाला के पीड़ा बढ़ रही हैं दिन प्रतिदिन भारी लगता हैं सिर्फ मृत्यु ही हैं जो इस ज्वाला से कर देगी पारी ।। #yourfeelings #yourquotehindi #yourquotedidi #अंतर्द्वंद #ज्वालामुखी #मृत्यु_के_लिए