पता नहीं क्यों शनिवार और एतवार की छुट्टी के बाद ऐसा लगता है कि जैसे आप नानी के घर थे और अचानक से आपकी छुट्टियां पुरी हो गई आप स्कुल जाने लगे मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं कोई ख़्वाब देख रहा था अभी तक क्योंकि घुम रहा था और अचनाक से वो ख़्वाब टुट गया है और नींद खुलकर के आपको वापस से उसी ज़िंदगी को जीना है ख़ैर ©Kunal Kumar #walkingalone Dr. Sakshi