चलिए.. कर दें आजाद खुदको, हर हथकड़ी, हर विकार से। संतोष, सौहार्द्र, दया और प्रेम हो जहां! चलें ऐसे नए संसार में। (अनुशीर्षक में पढ़ें ) Read in caption.. मन में कुछ आना, फिर उसकी ओर निकल जाना। कुछ करना, फिर पाना.. क्रमश: उसका अधिकारी बन जाना। यात्रा है हर किसी की! ... जो है उसे बचाना,