अजीब दस्तूर है दुनिया का, किसी को वो मिल जाता है, जिसे दूसरा शिद्दत से चाहता है। जिसे आसानी से मिल जाता है, वो उसकी कद्र कहाँ कर पाता है। कोई निवाले को तरस जाता है, कोई पूरी थाली सामने से सरकाता है। कोई फटे कपड़ों पर पैबंद लगाकर गरीबी छुपाता है, कोई रईसी दिखाने को कपड़ों को कटवाता है। अजीब दस्तूर है दुनिया का। कोई अज़नबी होकर भी रिश्ते निभाता है, कोई खून का रिश्ता भी तोड़कर चला जाता है। #दस्तूर #yiurquotedidi #yourquotes #writersclub