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"तो अब मैं क्या करूं"! पता है आज मैंने अपनी डायरी

"तो अब मैं क्या करूं"!

पता है आज मैंने अपनी डायरी निकाला तुम्हे लिखने के लिए ,
आज वो भी नाराज बैठा था,
मेरे से पूछ रहा था की कोई मिल गई है क्या ,
जिससे अपनी बात शेयर कर लेते हो,
न आज कल मुझमें कुछ लिख रहे हो ना मुझे कुछ
बता रहे हो,
अब इन्हें कैसे समझाऊं की अब थोड़ा समय कम मिल रहा है , 
और जब मिलता है तो मन नहीं करता लिखने का,
अब ये मन का है ,नही करता है तो नही करता है,
तो अब मैं क्या करूं!

अब ये मत पूछना की लिखने का मन क्यो कर गया
जब गर्मी की समय में एसी (AC) की ठंडी हवा से 
मैं कांपने लगा , तो तुम्हारी बोली हुई बात याद आ गया, की "ठंडी दिमाग से सोचो" और जब सोचा तो तुम्हे आई. 
अब तुम याद आ गई तो आ गई ,
अब मैं क्या करूं!

©Sudhir_Mishra23 love  Ruchika Ruchi Rathore h.m.a s Rohit Bhargava (Monty) Omi Sharma
"तो अब मैं क्या करूं"!

पता है आज मैंने अपनी डायरी निकाला तुम्हे लिखने के लिए ,
आज वो भी नाराज बैठा था,
मेरे से पूछ रहा था की कोई मिल गई है क्या ,
जिससे अपनी बात शेयर कर लेते हो,
न आज कल मुझमें कुछ लिख रहे हो ना मुझे कुछ
बता रहे हो,
अब इन्हें कैसे समझाऊं की अब थोड़ा समय कम मिल रहा है , 
और जब मिलता है तो मन नहीं करता लिखने का,
अब ये मन का है ,नही करता है तो नही करता है,
तो अब मैं क्या करूं!

अब ये मत पूछना की लिखने का मन क्यो कर गया
जब गर्मी की समय में एसी (AC) की ठंडी हवा से 
मैं कांपने लगा , तो तुम्हारी बोली हुई बात याद आ गया, की "ठंडी दिमाग से सोचो" और जब सोचा तो तुम्हे आई. 
अब तुम याद आ गई तो आ गई ,
अब मैं क्या करूं!

©Sudhir_Mishra23 love  Ruchika Ruchi Rathore h.m.a s Rohit Bhargava (Monty) Omi Sharma