और जानवर से मनुष्य होने के लिए, प्रेम का अविष्कार जरूरी था। और मनुष्य से समाज होने के लिए, विरह का निर्माण जरूरी था। आप मनुष्य हो प्रेम करते हैं, समाज होते ही-बिछुड़ना होता है। और ऐसी धार के बीच मैंने जाने दिया तुम्हें। पर मनुष्य मैं रहा नहीं और समाज कभी न होने दूंगा खुद को || ©Prahveen Contractor #रवानगी #SunSet