पर क्या करूँ? दिलों को गुदगुदाना है, मेरी फितरत नहीं सदा। हथौड़े भी मार देता हूँ, मैं उनपर यदा- कदा। मुझे भी दुःख होता है, ऐसा करके कई दफ़ा! पर क्या करूँ, कि आता है लिखने में मुझे मज़ा? #mywords #mywritings #mypen #mypoetry