मेरी चूड़ी की खनक सजधज के तैयार है मेरी पाज़ेब भी इतराने को बेकरार है इन आंखों में मेघों को रोका है मैंने अब तक तेरे नाम की मेहंदी को पिया तेरा इंतजार है ★★ सभी रचनाकारों से अनुरोध है कि लिखने से पूर्व कैप्शन भली भांति पढ़े...💐💐 ★ आज का विषय :- 'मेरी पाज़ेब' ❤️ ★इस विषय पर सुंदर अक्षरों में श्रृंगार रस पर आधारित कविता लिखने का प्रयास करें। ★ इस कोलाब को पूर्ण कीजिये एवं तस्वीर के सम्मुख खाली जगह पर ही लिखने का प्रयास करें। ★ तस्वीर के ऊपर अगर शब्द आते हैं तो आपकी रचना को प्रतियोगिता में शामिल नहीं किया जायेगा।