उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव सिर पर है लेकिन राज्य के किसी भी चोर में जाने पर नहीं लगता कि चुनाव होने वाले हैं दूसरी और हर जुबान पर चर्चा केवल चुनाव की चढ़ी है सभी प्रमुख राजनीतिक दलों की आईआईटीटी में आभासी चुनाव प्रचार के लिए कमर कस चुकी है करो ना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए चुनाव आयोग ने सब और रैली के नियमों पर सख्ती कर दी है राजनीतिक दलों को करो ना संकट के चलते पहले से ही अनुमान था कि चुनाव प्रचार पर पाबंदी लग सकती है लिहाजा सभी ने पहले से ही अपनी सूचना प्रौद्योगिक पर एक ऑटो को मजबूत बनाने की दिशा में एक वायदा तेज कर दी है भारतीय जनता पार्टी इस मुहिम में सबसे अग्रणी है वैसे भी आईआईटी का उसका दस्ता सबसे सशक्त माना जाता है इंटरनेट मीडिया के जानकारों का मानना है कि जिन दलों ने तैयारी जितनी बेहतर की होगी इस बार कितना ही बड़ा लाभ उन्हें मिलेगा भाजपा ने प्रचार की इस मुहिम को धारा घर बनाने के लिए रिटर्न वायरस लगा दिए हैं भाजपा का डाटाबेस भूत ही शक है अधिक से अधिक लोगों तक पकड़ साबित करने के लिए उसके पास बूथ स्तर तथा स्मार्टफोन रखने वाले कार्यकर्ताओं की खूब है ऐसे में पार्टी गतिविधियों और जनहित कार्य कार्यक्रम को जन जन तक पहुंचाने का काम खास दिक्कत नहीं ©Ek villain # आईआईटी के सहारे पार होगी चुनावी नैया #hills