जिस्म से जिस्म की फरमाइश तो कर दी, दिल बेचारा बस यों ही करवटें बदलता रहा। जो चाहत कभी रूह तक न पहुँच सकी, वो चाहत बस जिस्म ही पूरी करता रहा। रूह तो बस अब खत्म हो ही चुकी, जिस्म बस नोचने की चीज़ बनता रहा। हाँ, अब वो तबायफ तो बन ही गयी, जिस्म बेचने के सामान में ही बदलता रहा। ये चाहत न थी,ज़िन्दगी ही खत्म होती गयी, जिस्म पल पल मौत के सामान में बदलता रहा। #जिस्म #फरमाइश #करवटें #तबायफ #yqdidi #yqhindi #yqquotes #bestyqhindiquotes