परखने को सब परखते है समझने को समझे तो जताया जाए अपना कहने को सब है पर जरूरत पर साथ दे तो बताया जाय कहने को तो सब समझाते है पर कोई मुझे समझे तब तो समझा जाए बस विचार है अपना अपना भीड़ तो बहुत है इस दुनिया में पर उस भीड़ से कोई एक अपना निकले तो अकेला पन कम हो ये माना जाए बस वक्त ही तो सही नही है वक्त कब बदलें ये वक्त बदले तो बताया जाय जिंदगी अब बस सिर्फ बोझ सी लगती है ना जाने कब तक इस बोझ को उठाया जाए और इस जिंदगी को जिंदगी की तरह जिया जाए ना जाने कब इस जिंदगी को जिंदगी की तरह जिया जाए ।।।। ©#दिलkiबाते_कागजTakका सफरbyshiviya.verma #ए_काश परखने को सब परखते है समझने को समझे तो जताया जाए अपना कहने को सब है पर जरूरत पर साथ दे तो बताया जाय कहने को तो सब समझाते है पर कोई मुझे समझे तब तो समझा जाए बस विचार है अपना अपना भीड़ तो बहुत है इस दुनिया में