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माँ बहुत सोचा कि क्या लिखूं आज तुम्हारे लिये, फिर

माँ बहुत सोचा कि क्या लिखूं आज तुम्हारे लिये,
फिर इतना ही समझ आया 
"जो मेरे अल्फ़ाज़ से भी ज्यादा मेरी ख़ामोशी को पढ़ ले ,ऐसी शख़्सियत को लिख पाने का हुनर मुझमें नही .......!!" संसार भर की सभी "माँओं को मातृदिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं " ......अमूल्य मुस्कराहट सदैव आपके चेहरे पर बनी रहे ....!! ☺️☺️
माँ बहुत सोचा कि क्या लिखूं आज तुम्हारे लिये,
फिर इतना ही समझ आया 
"जो मेरे अल्फ़ाज़ से भी ज्यादा मेरी ख़ामोशी को पढ़ ले ,ऐसी शख़्सियत को लिख पाने का हुनर मुझमें नही .......!!" संसार भर की सभी "माँओं को मातृदिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं " ......अमूल्य मुस्कराहट सदैव आपके चेहरे पर बनी रहे ....!! ☺️☺️
kalpiverma2018

kalpi verma

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