ज़ितना खून तेरे शरीर में है ना ... उतना मै चार दिन में बहा देती हूँ ... औकात क्या है नामर्द मर्दजात तुम्हारी ... बिना उफ़ किये .. मै माँ बहन और बीवी का हर फर्ज अदा कर देती हूँ .... तुझे क्या हक है मुझे बाँझ कहने का ... मुझसे तेरा वजूद है... तू होगा देश का जवान मगर तू मेरा ही तो सपूत हैं ... अमन वर्मा #noreligion #Humamity