वेदना मेरी वेदना को कमजोरी समझने की भूल मत करना अगर निकलेगी जो आह दिल से तो मगध का अंत कर देगी साम्राज्य हो कितना बड़ा भी अंत तो होना है निश्चित अहंकार बोलेगा जब जब तेरा वेदना होगी तब तब प्रदर्शित गर ना करो सम्मान किसी का तो अपमान भी मत करो किसी का मगध की ही धरती ने तो धनानंद का अंत होते हुए देखा लगी जो चाणक्य की आह तो नन्द के मगध को बिखरते देखा वेदना प्रदर्शन आह # वेदना