दिल की कोठी है, ख्वाबों के हैं शामियाने, अश्कों के जाम हैं, तन्हाइयों के मैखा़नें हैं, पेश-ए-खिदमत है, मेरे कुछ बचा हुआ सुकून-ए-दिल, मेरी गुरबत से मत पूछो एहतराम क्या क्या है और क्या क्या बताऊँ इन्तजाम क्या क्या है — % & समझने की कोशिश करो... #समझनेकीकोशिश #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #hindipoetry #yqbaba #instawriters काश़ कुछ अब भी बाकी है