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*वन्दना*..... तुम हो *स्पंदना* *स्पंदना* ... तुम ह

*वन्दना*.....
तुम हो *स्पंदना*
*स्पंदना* ...
तुम हो *मीता*
#प्यार_का_दस्तावेज़  Dedicating a #testimonial to वन्दना दीक्षित
तुम संग मिल करें *वन्दना*
तुम हो अनमोल स्नेह *स्पंदना*,
*गीता* के श्लोक सी तुम पवित्र,
*मीता* तुम सच्ची अदभुत मित्र,
भीड़ में  मन को एकांत में रखना,
सहज, सरल, नितांत तुम वंदना,
बदली स्नेह सुधा की तुम स्नेहिल,
*वन्दना*.....
तुम हो *स्पंदना*
*स्पंदना* ...
तुम हो *मीता*
#प्यार_का_दस्तावेज़  Dedicating a #testimonial to वन्दना दीक्षित
तुम संग मिल करें *वन्दना*
तुम हो अनमोल स्नेह *स्पंदना*,
*गीता* के श्लोक सी तुम पवित्र,
*मीता* तुम सच्ची अदभुत मित्र,
भीड़ में  मन को एकांत में रखना,
सहज, सरल, नितांत तुम वंदना,
बदली स्नेह सुधा की तुम स्नेहिल,